देयाद

अलगाउज आँगना व्यथा औरी ,
मुंसुकी छाँटि व्यंग भर दौरी ।
मुँह बिजकल नियत बा खराब ,
घोर दुसुमन बनल देयाद बैरी ।
देयाद देयादी जरी भईल भौंरी ,
हर बात में हरदम जोरा-जोरी ।
दाजाहिसी देखजरूआ भईल ,
घोर दुसुमन बनल देयाद बैरी ।
ठेन बेसहेलन धूरी जेवर बरी ,
रेर हरदिन करे ढेरी बलजोरी ।
भोज- भवदी सभ छुट गईल ,
घोर दुसुमन बनल देयाद बैरी ।
चाल-ढाल बात -बतकही गैरी ,
बुझल धधकावेले खोरी-खोरी ।
अपनउज भाईचारा सभ गईल ,
घोर दुसुमन बनल देयाद बैरी ।
  • उमेश कुमार राय
जमुऑंव , भोजपुर ( बिहार )
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